Tuesday, January 19, 2016

धर्मों के पुल... परेश रावल

आज जहाँ हर एक पेशा ब्यवसायिक  बन गया है,आप चाहे डॉक्टरी लें ,वकालत लें ,नेतागीरी और तो और धर्म के नाम  चलती बाबागिरी सब ब्यवसाय । इनमे से 100 में से 10 सही भी हैं ,जो अपना काम लगातार शांति और ईमानदारी से करते चले जा रहे हैं ,जिनका काम अपने पेशे के साथ  न्याय करना है । 
गूगल फोटोज से 


मैं एक ऐसे आदमी को जानता हूँ ,जिन्ही मैं कभी मिला तो नहीं पर उन्होंने अपने पेशे के द्वारा लोगों में एक शांति सन्देश और आपसी प्रेम देने की कोशिश की,धर्मों में फैली बिमारियों के बीच वो एक डॉक्टर जैसे हैं,परेश रावल जी । 



अपने फिल्म - ओह माई गॉड में ,   जहाँ उन्होंने हिंदू धर्म ब्याप्त आडम्बरों का विरोध किया और इंशानियत के धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए ,स्वबुद्धि के सामर्थ्य से कार्य करने की सलाह दी । 







तो वहीँ उन्होंने धरम संकट में हिन्दू और मुस्लिम धर्म के उद्देस्य में समानता दिखाने की कोशिश की 
मुस्लिम भाइयों में कौमी एकता की सोच को सही दिशा देने की कोशिश करते हुए ,कौम के नाम पर होने वाले दंगे,फषाद को रोकने की कोशिश करते हुए,मुस्लिम का रोल करते एक महान फिल्म-रोड टू संगम में भी अपना दम दिखाया है । 

मैं पोस्ट पढ़ने वालों से कहना चाहता हूँ,ये फिल्मे जरूर देखें । 

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..कलाकार अपनी कला से सबको सर्वहित का सन्देश देता है ..परेश रावल जी के बारे में बहुत अच्छी प्रेरक प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!
    जरूर देखेंगे फिल्म-रोड टू संगम...

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  2. जी बिलकुल,आपका भी आभार करता हूँ ,ब्लॉगिंग में नया हूँ ,पर कुछ ही दिनों में इसकी दुनिया प्यारी लग रही है ।

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  3. परेश रावल जी के अभिनय में एक आलग ही आनन्द प्राप्त होता है। सादर।।

    नेताजी से जुड़ी 100 सीक्रेट फाइलों को भारत सरकार ने सार्वजनिक किया

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