Saturday, February 6, 2016

बात ज़रा हट के ...

जब भी हम अपने विचार किसी सामाजिक साइटों में लगातें हैं ,तो प्रतिक्रिया,कमेन्ट या पसंद करने वालों का इंतज़ार भी होता है , कि भई लोगों तक बात पहुंचे और विचारों का आदान प्रदान हो,और होता भी है,कुछ लोगों  तक हमारी बात पहुँच जाती है । ये बात तो अपनी हो गयी लेकिन जब वही विचार एक लड़की या स्त्री वर्ग साझा करे तो लोगों के विचार देश दुनिया की सीमा लाँघकर कइयों के हृदय तक पहुँच जाती है।
ये बात स्त्री वर्ग को बुरी लगेगी किन्तु मैं खुद जानता हूँ , इसमें उनका कोई दोष नहीं , ये तो सिर्फ एक विचार ही है । लोगों की सोच ही अलग है इसे बदल तो नहीं सकते ,इसलिए विचार ही रख सकते हैं ।

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